Inh do naye virus ki vajah se hack ho sakta hai back account, android users rahein saavadhaan। दो नए अत्यंत ही जटिल टॉरजन वायरस इन दिनों भारतीय एंड्रॉयड यूजर्स को प्रभावित कर रहे हैं। ये वायरस यूजर्स की निजी जानकारियां चुरा सकते हैं, ऐसा ग्लोबल आईटी सिक्योरिटी फर्म क्विक हील ने दावा किया है।
क्विक हील के सिक्योरिटी लैब ने Android.Marcher.C और Android.Asacub.T नाम के दो टॉरजन वायरस ढूंढा है। ये वायरस लोकप्रिय सोशल मीडिया एप व्हाट्सएप, फेसबुक, स्काइप, इंस्टाग्राम, ट्विटर और कुछ प्रमुख बैंकिंग एप के जरिए एंड्रॉयड यूजर्स के स्मार्टफोन में आ जाते हैं।
रिसर्चर ने चेतावनी देते हुए कहा कि, लोकप्रिय एप के जरिए इन वायरस को यूजर्स के इनकमिंग मैसेज का एडमिनिस्ट्रेटिव प्रिविलेज के जरिए एक्सेस मिल जाता है। जिसकी वजह से हैकर्स टू-फैक्टर-ऑथेंटिकेशन जैसे स्कियोरिटी फीचर्स को भेदने में कामयाब हो जाते हैं और यूजर्स की निजी जानकारियां जिनमें बैंकिग डिटेल्स भी शामिल हैं हैकर्स के पास पहुंच जाते हैं।
क्विक हील के को फाउंडर संजय काटकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, भारतीय यूजर्स प्राय: बिना वेरिफाइड वाले थर्ड पार्टी एप डाउनलोड कर लेते हैं। जिसकी वजह से हैकर्स के पास यूजर्स के फोन का पूरा एक्सेस मिल जाता है। हैकर्स इस मौके का पूरा फायदा उठाते हैं और यूजर्स कि निजी जानकारियां इकठ्ठा कर लेते हें। पिछले 6 महीने में हैकर्स ने इन मेलवेयर या वायरस की मदद से भारतीय मोबाइल यूजर्स को टारगेट किया है।
Android.Marcher.C वायरस एडोब फ्लैश प्लेयर आइकन का इस्तेमाल करता हैं, जिसकी वजह से यह किसी वेरिफाइड या जेनुइन एप की तरह ही दिखता है। Android.Asacub.T एंड्रॉयड अपडेट आइकन की तरह ही दिखता है, जिसकी वजह से यूजर्स चकमा खा जाते हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है कि क्विकहील सिक्योरिटी लैब ने इस तरह के वायरस का पता लगाया है। पिछली बार भी लैब ने Android.banker.A2f8a नाम के वायरस का पता लगाया था जिसकी वजह से 232 से ज्यादा बैंकिग और क्रिप्टोकरेंसी एप प्रभावित हुए थे।
सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने एंड्रॉयड यूजर्स को आगाह करते हुए कहा कि यूजर्स को थर्ड पार्टी एप्स को स्मार्टफोन में इंस्टॉल करने से बचना चाहिए। साथ ही गूगल प्ले प्रोटेक्ट सर्विस को हमेशा ऑन रखना चाहिए। इसके अलावा हमेशा वेरिफाईड एप ही प्ले स्टोर से इंस्टॉल करना चाहिए।