देश को डिजिटली मजबूत करने के विजन के साथ सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने आज वर्ल्ड टेलिकॉम एंड इंफोर्मेशन सोसायटी डे सेलिब्रेट किया। इस आयोजन की थीम 'सभी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सकारात्मक इस्तेमाल को बढ़ावा देना' रखा गया। COAI ने दावा किया कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित सर्विस को सबसे तेजी से अपनाने वाला देश होगा। आयोजन के दौरान COAI ने दूरसंचार मंत्रालय को टेलिकॉम सेक्टर और इसके विस्तार को लगातार सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। COAI ने अपने बयान में कहा कि टेलिकॉम कंपनियों ने टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में 10.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
बयान में बताया गया कि कुल 17.6 लाख बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) में से 3 लाख बीटीएस पिछले एक साल में जोड़े गए हैं। बयान के मुताबिक, ग्रामीण और रिमोट एरिया में टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रसार ने कनेक्टिविटी और टेलिकॉम सर्विसेस के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है। टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) ने 3जी से 4जी तकनीक के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। अब वो 5जी, AI, IoT, M2M जैसी नई तकनीक के लिए अपना कदम उठा रहे हैं।
टेलिकॉम इकोसिस्टम की लगातार बदलती जरुरतों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग स्टेट लेवल पर राइट ऑफ वे पॉलिसी (RoW) कानून पर ध्यान दे रहा है। COAI ने विभाग के इस कदम का स्वागत किया है। बता दें कि विभाग ने टॉवर्स को लेकर ओडिशा पॉलिसी भी अपनाई थी, जिसे पूरे देश में लागू करने के लिए एक उचित पॉलिसी समझी गई थी। इसके तहत RoW कानून आने के एक साल में इलेक्ट्रॉनिक एप्लिकेशन प्रोसेस, एप्लिकेशंस के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस, नोडल ऑफिसर्स की नियुक्ति, नए टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू करने के लिए फास्ट ट्रैक निर्णय आदि लेना शामिल है ताकि सामाजिक-आर्थिक विकास को रफ्तार मिल सके।
COAI ने कहा कि दूरसंचार विभाग लंबे समय से अटके हुए टेलिकॉम इंडस्ट्री के मामलों को नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी 2018 (NDCP 2018) के साथ सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके मसौदे में लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम यूज चार्जेस, यूनिवर्सल ऑब्लिगेशन फंड, जीएसटी जैसे टैक्स और लेवी आदि की सरल करने की बात कही गई है। इससे ना सिर्फ टेलिकॉम और डिजिटल सेवाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा बल्कि 40 लाख नई नौकरियों के मौके भी पैदा होंगे। COAI ने कहा कि कम्युनिकेशन इंडस्ट्री में 100 बिलियन के अनुमानित निवेश से ना सिर्फ लोगों तक इन सेवाओं की पहुंच होगी बल्कि इंडस्ट्री को भी बड़ी राहत मिलेगी।
अपने बयान में COAI ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और हवाई जहाज में कनेक्टिविटी जैसी सिफारिशों के लिए टेलिकॉम रेगुलेटर ट्राई की प्रशंसा की है। COAI ने कहा कि इससे सर्विस प्रोवाइडर और एयरलाइन, दोनों को ही फायदा होगा। COAI के डायरेक्टर जनर राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि एआई स्वास्थ्य, शिक्षा और योग्यता निर्माण में देश के लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सकारात्मक माहौल, बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक रूप से मजबूत टेलिकॉम सेक्टर के साथ AI नई संभावनाओं के दरवाजे खोल देगी।
COAI ने कहा कि 25 अक्टूबर से शुरू होने वाले इंडियन मोबाइल कांग्रेस (IMC) में दुनिया में भारतीय टेलिकॉम इंडस्ट्री की भूमिका पूरी दुनिया देखेगी। आर्थिक रुप से मजूबत होने पर ये सेक्टर देश का सबसे तेज गति से विकास करने वाला सेक्टर बन जाएगा।