Bhaarat mein teji se badh raha hai Ecommerce retail, 2022 thak banega 5 lakh crore ka bazar। रिटेल ई-कॉमर्स की सेल में भारत एशिया पेसिफिक रीजन में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि भारत में ई-कॉमर्स बाजार की शुरुआत 2010 में हुई थी। इन 8 वर्षों में दुनियाभर की तमाम बड़ी कंपनियों ने भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में एंट्री ली है। ई-कॉमर्स बाजार भी भारत की जीडीपी में अहम किरदार निभा रही है। बाजार विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक इस साल के अंत तक भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 31 प्रतिशत बढ़कर 32.70 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा।
तीन बड़े प्लेयर कर रहें है निवेश:
भारतीय ई-कॉमर्स बाजार के तीन बड़े प्लेयर फ्लिपकार्ट, अमेजन और पेटीएम ने इसके लिए बड़ा निवेश किया है। तीनों ही कंपनियां न सिर्फ प्रोडक्ट उपलब्धता पर निवेश कर रही हैं, बल्कि इन तीनों ही कंपनियां प्रोडक्ट्स की समय पर डिलीवरी के लिए लॉजिस्टिक सर्विस को भी बेहतर बना रही है। कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए डिलीवरी ऑफर्स भी निकाल रही हैं। इन डिस्काउंट ऑफर्स और सस्ते दरों पर सामान की उपलब्धता की वजह से ग्राहक इसे पसंद कर रहे हैं।
इंटरनेट और स्मार्टफोन यूजर्स ने बदली तस्वीर:
भारत में ई-कॉमर्स के बढ़ते बाजार के पीछे बड़ी संख्या में लोगों तक इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच भी है। 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में इस साल के अंत तक करीब 48 करोड़ मोबाइल इंटरनेट यूजर्स हो जाएंगे। 2016 में मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या करीब 37 करोड़ थी।
मोबाइल इंटरनेट यूजर्स और स्मार्टफोन की वजह से डिजिटल खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। मार्केट रिसर्चर की मानें तो साल 2022 तक भारत में ई-कॉमर्स यूजर्स की संख्या में 41 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
कड़वा सच- ऑफलाइन के मुकाबले कम ग्राहक:
भारत में ई-कॉमर्स रिटेल बाजार के बढ़ने के बावजूद 2018 के कुल रिटेल (खुदरा) बाजार में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी केवल 2.9 फीसद ही रही है, जो कि बहुत कम है। जिस तरह से स्मार्टफोन यूजर्स और मोबाइल इंटरनेट की क्रांति आई है, भारत में ऑनलाइन या ई-कॉमर्स बाजार की बहुत संभावनाएं हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि भारत एक उत्कृष्ट ई-कॉमर्स बाजार है, यही कारण है कि कई छोटी-बड़ी कंपनियां भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में भी उतर रही हैं।
इस वजह से लोग करते हैं कम खरीदारी:
इतने बड़े ई-कॉमर्स बाजार होने के बावजूद कुछ चीजें हैं जो भारतीय ग्राहकों को ऑनलाइन खरीदारी करने से रोकती हैं। जिसमें डाटा लीक होने और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे खतरे प्रमुख हैं। हाल ही में फेसबुक जैसी बड़ी कंपनी के डाटा लीक होने वाली खबरों ने यूजर्स को और डरा दिया है।
लोग ऑनलाइन ठगी के डर से डिजिटल ट्रांजेक्शन करने में डर भी रहे हैं। लेकिन भारत में नोटबंदी के बाद से डिजिटल लेनदेन करने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी भी हैं। इसका सीधा असर ई-कॉमर्स कंपनियों से खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या पर पड़ा है। जिसमें केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया का भी एक अहम रोल रहा है।
रिपोर्ट की मानें तो इस वृद्धि दर के साथ भारत जल्द ही एशिया-पेसिफिक रीजन में तीसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार बन सकता है। विशेषज्ञों की मानें की तो वर्ष 2022 तक भारतीय बाजार 71.94 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 4.86 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगी।
भारत के शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों में अभी भी क्रेडिट कार्ड इतना लोकप्रिय नहीं हुआ है और लोग इसका इस्तेमाल करने में डरते हैं। यही कारण है कि भारत में ई-कॉमर्स कंपनियां कैश-ऑन-डिलीवरी वाला ऑप्शन भी ग्राहकों को दे रही है, जिसका अनूकूल असर ई-कॉमर्स बाजार पर पड़ा है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले 5 से 10 साल में ई-कामर्स बाजार में तेजी देखने को मिलेगी।