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Jaane, smartphone ke processor ke baare mein sab kuchजानें, स्मार्टफोन के प्रोसेसर के बारे में सबकुछ

Jaane, smartphone ke processor ke baare mein sab kuch | किसी भी स्मार्टफोन की स्पीड और उसमें टास्किंग का लेवल प्रोसेसर पर निर्भर करता है। एंड्रॉयड वर्ल्ड में प्रोसेसर की परफॉर्मेंस का अनुमान आमतौर पर कोर से लगाया जाता है। एंड्रॉयड फोन के प्रोसेसर में जितने ज्यादा कोर होंगे परफॉर्मेंस उतनी बेहतर होने की संभावना है। ज्यादा कोर होंगे तो उनकी मदद से मल्टीटास्किंग और भी आसान हो जाएगी लेकिन साथ में उपयुक्त रैम भी होना चाहिए। प्रोसेसर फोन के दिमाग की तरह कहा जा सकता है जो सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, एक चिप होती है, जिसकी परफॉरमेंस हर्ट्ज़, किलोहर्ट्ज़, मेगाहर्ट्ज़ और गीगाहर्ट्ज़ के आधार पर मापी जाती है। अगर प्रोसेसर का चिपसेट बेहतर है तो आपके फोन की परफॉरमेंस भी जानदार रहेगी।

कोर की ज़रूरत को इस तरह से समझिए कि आप एक वक्त पर अपने मोबाइल पर गेम खेल रहे हैं, गाना सुन रहे हैं और बैकग्राउंड में डाउनलोड भी चल रहा है। सिंगल कोर प्रोसेसर के लिए इतने सारे काम को एक साथ निपटाना बेहद मुश्किल होगा। ऐसे में काम आता है मल्टी कोर। इस तरह से देखा जाए तो डुअल कोर हमेशा सिंगल कोर से बेहतर होगा।

आज जानते हैं प्रोसेसर की प्रकार, इनके महत्व और इनके फीचर के बारे में, जिससे भविष्य में आप जब स्मार्टफोन खरीदें तो प्रोसेसर का चयन उसमें अहम भूमिका निभाए :
 

सिंगल कोर:

यह प्रोसेसिंग यूनिट सिंगल कोर पर काम करता है। सिंगल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) होने के चलते इसमें मल्टी-टास्किंग के दौरान बहुत परेशानी आती है। सिंगल कोर प्रोसेसर उन लोगों के लिए बिलकुल मुफीद नहीं होगा जो गेमिंग या एक ही समय पर एक से ज्यादा टास्क करने को तवज्जो देते हैं। इसे बुनियादी प्रोसेसर कहा जा सकता है, तो साधारण इंटरनेट इस्तेमाल, ऐप और हल्के गेम में ही प्रभावी रह सकता है।
 

डुअल कोर:

सिंगल कोर प्रोसेसर में जहां कोर यूनिट की संख्या सिंगल होती है, वहीं डुअल कोर में यह संख्या दो है। और ऐसा प्रोसेसर के नाम से ही पता चलता है। सरल शब्दों में कहें तो  डुअल कोर प्रोसेसर के ज़रिए स्मार्टफोन की परफॉरमेंस दो बराबर भागों में बंट जाती है। यहां यूज़र को इंटरनेट के साथ-साथ कुछ अन्य ऐप एक समय पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं। लेकिन यह भी हैवी टास्क के लिए आज के दौर में उपयुक्त नहीं माना जाता। कहा जा सकता है कि डुअल कोर प्रोसेसर यूजर्स को बेसिक से थोड़े बेहतर परिणाम ही दे पाने में सक्षम है।
 
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क्वाड-कोर प्रोसेसर:

इस प्रोसेसर में डुअल कोर से अतिरिक्त दो कोर दिए जाते हैं। यानी, यूज़र को दोगुने कोर होने के चलते परफॉरमेंस भी दोगुनी मिलती है। 4 कोर यूनिट के साथ यह फास्ट डेटा ट्रांसफर तो करने में मददगार होता ही है साथ ही गेमिंग के दीवानों के लिए यह प्रोसेसर बेहतर है। गेम के साथ-साथ कुछ हल्के-फुल्के टास्क भी इसकी मदद से आसानी से किए जा सकते हैं। कुल मिलाकर 4 कोर यूनिट की मदद से यूज़र तुलनात्मक तौर पर इससे बेहतर परफॉरमेंस की उम्मीद कर सकते हैं।
 

ऑक्टा-कोर प्रोसेसर:

ऑक्टा-कोर लेटेस्ट प्रोसेसर में से एक माना गया है। इसमें 8 कोर होते हैं। 8 अलग-अलग कोर के दम पर यह प्रोसेसर ना सिर्फ स्मार्टफोन की स्पीड और उसकी परफॉरमेंस को शानदार बना देता है बल्कि वीडियो डाउनलोडिंग, स्ट्रीमिंग, मल्टी-टास्किंग का भी उत्तम अनुभव प्रदान करता है।

इन प्रोसेसर के अलावा भी हेक्सा कोर प्रोसेसर, डेका कोर प्रोसेसर भी चर्चा में रहे हैं। डेका कोर में 10 कोर यूनिट होते हैं, जो यूज़र को हर छोटे-बड़े टास्क फोन की मदद से ही करना सुगम बनाते हैं। वहीं, बात करें हेक्सा कोर प्रोसेसर की, तो इसे सैमसंग ने गैलेक्सी नोट 3 नियो में पेश किया था। इसमें 6 कोर होते हैं। यह डुअल व क्वाड के मुकाबले दमदार है और इसमें मल्टी-टास्किंग बेहतर ढंग से संभव होती है।

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