दरअसल एक मीडिया संस्थान की एक रिपोर्ट के मुताबिक ड्रग टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड ने 16 मई को एक मीटिंग की थी, जिसमें ट्रेस एंड ट्रैक मैकेनिज्म को बोर्ड की तरफ से मंजूरी दे दी गई है।
14 अंकों का नंबर होगा प्रिंट
रिपोर्ट्स के मुताबिक 300 बड़ी फार्मास्युटिकल्स कंपनियों की दवाओं पर 14 अंकों को नंबर प्रिंट किया जाएगा। बाजार में मिलने वाली इन दवाओं के पत्ते और बॉटल पर ये यूनीक नंबर प्रिंट होगा। इसके साथ दवाओं में एक मोबाइल नंबर भी प्रिंट किया हुआ दिखेगा, जिसे कंपनी की तरफ से जारी किया जाएगा।
दवाओं के बारे में इस तरह लगेगा पता
आपको दवा के पत्ते या बॉटल पर लिखे 14 अंकों को याद रखना होगा। इसके बाद दवा पर दिए गए मोबाइल नंबर पर उसी 14 अंक के कोड को मैसेज करना होगा। मैसेज करते हीं आपको दवा बनाने वाली कंपनी का नाम, बैच नंबर, पता और दवा कब बनी है या कब एक्सपायर होगी ये सारी जानकारी मिलेगी।
बढ़ेगी जागरूकता और विश्वास
इस पूरी परियोजना के पीछे लोगों को जागरूक करना और दवा के प्रति उनके विश्वास को बढ़ाना शामिल है। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए फर्जी दवाओं पर लगाम लगाया जा सकेगा।